tag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post3232983042067899337..comments2023-10-31T21:24:44.790+05:30Comments on झंझट के झटके: .....हे मातृ-भू करुणाकरा !सुरेन्द्र सिंह " झंझट "http://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comBlogger44125tag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-87962888603171073502011-11-04T17:58:50.411+05:302011-11-04T17:58:50.411+05:30बहुत ही सकारात्मक व देशप्रेम से ओत-प्रोत कविता,जय ...बहुत ही सकारात्मक व देशप्रेम से ओत-प्रोत कविता,जय हिंदHumanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-34639653981034876652011-10-30T19:12:48.628+05:302011-10-30T19:12:48.628+05:30आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे |
संसा...आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे | <br />संसार में सुख-शांति का, आलोक हम फैलायेंगे |<br />अपना वतन,अपना चमन,अपना गगन,अपनी धरा |<br />सब कुछ समर्पित है तुझे, हे मातृ-भू करूणाकरा |<br />बहुत सुन्दर !!<br />जी हाँ और इसके लिए जरुरी है एक विचार का होना <br />आपकी ख्यालात से पूरी तरह सहमत <br /> मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं आपके साथ हैं !मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-75681120919858986472011-10-28T18:28:23.510+05:302011-10-28T18:28:23.510+05:30आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे |
संसार ...आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे | <br />संसार में सुख-शांति का, आलोक हम फैलायेंगे <br />khoobsoorat sandesh.......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-30106128201916139642011-10-26T05:36:22.410+05:302011-10-26T05:36:22.410+05:30आज की आवश्यकता यही है। दीपावली के पावन पर्व पर आपक...आज की आवश्यकता यही है। दीपावली के पावन पर्व पर आपको मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-2878051346266386482011-10-24T15:22:00.440+05:302011-10-24T15:22:00.440+05:30sandeshprad aur vichaarpurn rachna...
हर वर्ष क्य...sandeshprad aur vichaarpurn rachna...<br /><br />हर वर्ष क्या रावण जलाने ,से कलुष मिट जाएगा ?<br />याकि फिर दीपक जलाने से, तमस कट जाएगा ?<br /><br />shubhkaamnaayen.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-51376972485486722582011-10-24T07:16:03.255+05:302011-10-24T07:16:03.255+05:30बहुत खूब.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..बहुत खूब.<br />दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-53866240796803406382011-10-22T00:45:29.480+05:302011-10-22T00:45:29.480+05:30आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे |
संसा...<b>आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे | <br />संसार में सुख-शांति का, आलोक हम फैलायेंगे |<br />अपना वतन,अपना चमन,अपना गगन,अपनी धरा |<br />सब कुछ समर्पित है तुझे, हे मातृ-भू करूणाकरा |</b><br />बहुत सुंदर संकल्प !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-87647887811869580092011-10-21T21:50:20.427+05:302011-10-21T21:50:20.427+05:30बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |
आगे...बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |<br />आगे बढ़ें,फिर इस अँधेरे, की भी ताकत आँक लें |<br />फिर दीप घर-घर में जलाने, के लिए आगे बढ़ें |<br />हर अधर पर मुस्कान लाने, के लिए आगे बढ़ें |<br /><br />वाह! बहुत सुन्दर भाव हैं,जो मन को झकजोरते हैं.<br /><br />स्वयं में झाँकना हमारा प्रथम कर्तव्य है.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर 'नाम जप' के बारे में अपने अमूल्य <br />विचार और अनुभव प्रस्तुत कर अनुग्रहित कीजियेगा.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-71583971905565827792011-10-20T21:34:12.325+05:302011-10-20T21:34:12.325+05:30Very nice creation Surendra Ji.. Very nice lesson ...Very nice creation Surendra Ji.. Very nice lesson and resolution... Thanks...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14112100275262110119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-64132244113409513922011-10-20T20:53:26.034+05:302011-10-20T20:53:26.034+05:30गज़ब अभिव्यक्ति .....बेहतरीन शब्द सामर्थ्य ... ...गज़ब अभिव्यक्ति .....बेहतरीन शब्द सामर्थ्य ... !<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-67498567189430299922011-10-20T11:52:58.596+05:302011-10-20T11:52:58.596+05:30surendra ji mai bilkul swasth hu. bus thoda busy h...surendra ji mai bilkul swasth hu. bus thoda busy hu. abhi ghar bana raha hu isliye samay nahi mil pata hai. jaise hi waqt milega aaplogo ke nazdik hazir ho jaunga. aapne meri sudh li iske liye apka bahut bahut sukriya. asha hai yu hi aapka pyra or ashirwad milta rahega. dhanyadAmit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-88619913398592650202011-10-20T10:55:15.540+05:302011-10-20T10:55:15.540+05:30आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे |
संसा...आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे | <br />संसार में सुख-शांति का, आलोक हम फैलायेंगे |<br />अपना वतन,अपना चमन,अपना गगन,अपनी धरा |<br />सब कुछ समर्पित है तुझे, हे मातृ-भू करूणाकरा...<br /><br />Very inspiring and motivating creation .<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-89094166767414424502011-10-20T09:30:59.486+05:302011-10-20T09:30:59.486+05:30प्रिय सुरेन्द्र सिंह झंझट जी अभिवादन बहुत ही सुन्द...प्रिय सुरेन्द्र सिंह झंझट जी अभिवादन बहुत ही सुन्दर सन्देश ..हर पंक्ति लाजबाब ..सटीक सच कहा आप ने बिना संकल्प लिए और अपने अन्दर झांके खुद को सुधारे बिना ये गहन अँधेरा कभी भी मिटने वाला नहीं है -<br />बहुत बहुत आभार इस प्यारी कृति के लिए <br />शुक्ल भ्रमर 5<br /><br />बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |<br />आगे बढ़ें,फिर इस अँधेरे, की भी ताकत आँक लें |<br />फिर दीप घर-घर में जलाने, के लिए आगे बढ़ें |<br />हर अधर पर मुस्कान लाने, के लिए आगे बढ़ें |Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-5239450835254160042011-10-20T00:21:50.652+05:302011-10-20T00:21:50.652+05:30प्रेरक रचना।प्रेरक रचना।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-32570391594334226152011-10-19T19:43:58.873+05:302011-10-19T19:43:58.873+05:30बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |
आगे...बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |<br />आगे बढ़ें,फिर इस अँधेरे, की भी ताकत आँक लें |<br />फिर दीप घर-घर में जलाने, के लिए आगे बढ़ें |<br />हर अधर पर मुस्कान लाने, के लिए आगे बढ़ें |<br /><br />....बहुत प्रेरक और सटीक अभिव्यक्ति..बहुत सुन्दर रचना..बधाईKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-32191268247798455712011-10-19T15:27:58.645+05:302011-10-19T15:27:58.645+05:30बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण रचना! आपकी लेखनी को सलाम!...बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण रचना! आपकी लेखनी को सलाम! ज़बरदस्त प्रस्तुती!<br />मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-<br />http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/<br />http://seawave-babli.blogspot.comUrmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-43576962995808317692011-10-19T08:41:42.217+05:302011-10-19T08:41:42.217+05:30आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे |
संसा...आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे | <br />संसार में सुख-शांति का, आलोक हम फैलायेंगे |<br />अपना वतन,अपना चमन,अपना गगन,अपनी धरा |<br />सब कुछ समर्पित है तुझे, हे मातृ-भू करूणाकरा |<br /><br /><br />आशा जगाती और दिशा दिखाती है ये कविता!'साहिल'https://www.blogger.com/profile/13420654565201644261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-25298139570601914282011-10-19T08:00:21.335+05:302011-10-19T08:00:21.335+05:30बहुत सुन्दर एंव सरस रचना है आपकी. ..."फिर दी...बहुत सुन्दर एंव सरस रचना है आपकी. ..."फिर दीप घर-घर में जलाने, के लिए आगे बढ़ें" वाकई बहुत सुन्दर एंव लयबद्ध-आभारArvind Jangidhttps://www.blogger.com/profile/02090175008133230932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-49215041429331925832011-10-18T20:11:25.315+05:302011-10-18T20:11:25.315+05:30बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |
आगे...बस इसलिए अनुरोध है,पहले स्वयं में झाँक लें |<br />आगे बढ़ें,फिर इस अँधेरे, की भी ताकत आँक लें |<br />फिर दीप घर-घर में जलाने, के लिए आगे बढ़ें |<br />हर अधर पर मुस्कान लाने, के लिए आगे बढ़ें..<br /><br />सच है पहले अपनी ताकत को आंके ... फिर आगे बढ़ें ... और कर्म में जुट जाएं ... लाजवाब छंद हैं सभी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-35546333263111287842011-10-18T09:53:08.536+05:302011-10-18T09:53:08.536+05:30फन-धारियों ने डँस लिया,सरसब्ज़ हिन्दुस्तान को |
वे...फन-धारियों ने डँस लिया,सरसब्ज़ हिन्दुस्तान को |<br />वे कर रहे नीलाम हैं अब, मुल्क के सम्मान को |<br />घनघोर जंगल-राज जब , छाई घटा काली यहाँ |<br />फिर,कौन सा आलोक ? कैसा पर्व ? दीवाली कहाँ ?<br /><br />झंझट जी<br />कुछ कुछ होता है ..आपकी रचना पढ़कर ,खून में उबाल सा आता है<br />नि:शब्द कर दिया आपकी भावमयी रचना नेनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-77969102883354014552011-10-18T09:44:19.816+05:302011-10-18T09:44:19.816+05:30बहुत ही सुन्दर, सामयिक, प्रवाहपूर्ण और ओजमयी प्रस्...बहुत ही सुन्दर, सामयिक, प्रवाहपूर्ण और ओजमयी प्रस्तुति...बधाई और धन्यवादचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-22164854940022355952011-10-18T05:45:52.455+05:302011-10-18T05:45:52.455+05:30आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे |
संसा...आओ कि हम संकल्प लें, घनघोर तम विनशायेंगे | <br />संसार में सुख-शांति का, आलोक हम फैलायेंगे |<br />अपना वतन,अपना चमन,अपना गगन,अपनी धरा |<br />सब कुछ समर्पित है तुझे, हे मातृ-भू करूणाकरा |<br /><br />बहुत ही सुंदर..... सार्थक आव्हान डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-27045475157335841892011-10-17T16:53:43.300+05:302011-10-17T16:53:43.300+05:30आपका सशक्त व प्रभावी आह्वाहन ह्रदय को झंकृत कर रहा...आपका सशक्त व प्रभावी आह्वाहन ह्रदय को झंकृत कर रहा है. आपको बधाई सुन्दर रचना के लिए..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-8644593309306414702011-10-17T14:16:03.872+05:302011-10-17T14:16:03.872+05:30अत्यंत ओजपूर्ण कविता... सशक्त आव्हान... शुभकामनाये...अत्यंत ओजपूर्ण कविता... सशक्त आव्हान... शुभकामनाये...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7569511432749030965.post-16675020140919007502011-10-17T12:11:58.274+05:302011-10-17T12:11:58.274+05:30गजब की भावनाएं....गजब की भावनाएं....Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.com