अपने भारतवर्ष की पहचान है हिंदी |
गौरव है , गरिमा है , हिन्दुस्तान है हिंदी |
तुलसी की चौपाई और कबीरा की साखी ,
सूर - श्याम की मनमोहक मुस्कान है हिंदी |
जायसी के 'पद्मावत' में यह ' नागमती की पीर'
प्रेम दिवानी मीरा का 'विषपान' है हिंदी |
केशव का पांडित्य और रसलीन की रसधारा,
श्याम रंग में रँगी 'भक्त रसखान' है हिंदी |
खुसरो की मुंहबोली , नूरमुहम्मद की प्यारी,
रहिमन के मन बसी - रसीली तान है हिंदी |
भूषण की ललकार , सुभद्रा की 'झांसी वाली',
कभी शब्द तो कभी शब्द -संधान है हिंदी |
महाप्राण की ' पथ पर - पत्थर तोड़ रही बाला ' ,
दादू औ रैदास का 'हरिगुण गान' है हिंदी |
दिनकर की ' हुंकार ' बिहारी की ' नावक के तीर '
नीर भरी दुःख की बदली अनजान है हिंदी |
नागर - 'खंजन नयन ' यही बच्चन की मधुशाला ,
घनानंद की ' आँगन खड़ी सुजान ' है हिंदी |
भोजपुरी, अवधी, ब्रजभाषा , मैथिलि का लालित्य ,
माँ के आँचल जैसी - ममतावान है हिंदी |
आओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को ,
भारत और भारती का सम्मान है हिंदी |
हिंदी दिवस की बधाई...हिंदी पर इतना अच्छा लिखने की बधाई.. पाठक के रूप में मांग है कि रूके नहीं, हिंदी पर शतक बनायें...।
ReplyDeleteहिन्दी पर बहुत सुंदर लगी ये कविता ...बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
ReplyDelete.
ReplyDeleteहिन्दी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं !
भोजपुरी, अवधी, ब्रजभाषा , मैथिलि का लालित्य ,
माँ के आँचल जैसी - ममतावान है हिंदी |
आओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को ,
भारत और भारती का सम्मान है हिंदी |
पूरी रचना सुंदर है ! बहुत बहुत बधाई सुरेन्द्र जी !
बहुत ही सुंदर रचना आपने रची है हिंदी दिवस पर और हिंदी के सम्मान में बधाई
ReplyDeleteहिंदी पर बहुत सुन्दर दोहे| धन्यवाद|
ReplyDeleteहिन्दी दिवस की बधाई|
आओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को ,
ReplyDeleteभारत और भारती का सम्मान है हिंदी
हिंदी का मान बना रहे यह ज़रूरी है....सुन्दर दोहे
महान और अमर काव्य-साधकों ,विभिन्न भाषाओं को समाहित कर सुंदर साहित्यिक सृजन किया है.सम्मानीय रचना.
ReplyDeleteहिंदी भाषा का गौरव -गान करती हुई सुन्दर रचना .........
ReplyDeleteअपने भारतवर्ष की पहचान है हिंदी |
ReplyDeleteगौरव है , गरिमा है , हिन्दुस्तान है हिंदी |
shaswat satya
हमारे देश की आन - बान और शान है हिंदी... बहुत सुन्दर रचना .........
ReplyDelete" आओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को ,
ReplyDeleteभारत और भारती का सम्मान है हिंदी | " - बहुत ही सुन्दर ! हिंदी दिवस की बधाई ! आयें - हिंदी को उन्नत करने के प्राण लें !
सुन्दर प्रस्तुति...बधाई
ReplyDeleteहिंदी भाषा के पुरे साहित्य और उसकी क्षेत्रीय बोलियों को समाहित कर लिखी गयी यह कविता अपने आप में अनूठी है ....हिंदी भाषा कितनी सशक्त है यह आपकी यह रचना बखूबी दर्शाती है ...!
ReplyDeleteभारतवर्ष की पहचान है हिंदी |
ReplyDeleteहिंदी दिवस पर
बहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा
दिनकर की ' हुंकार ' बिहारी की ' नावक के तीर '
ReplyDeleteनीर भरी दुःख की बदली अनजान है हिंदी |
क्या बात है सुरेन्द्र जी ......
इस दुःख ki बदली को मैंने खूब पढ़ा है .....
लाज़वाब सुरेन्द्र भाई.....
ReplyDeleteआपको सादर बधाई...
हिन्दी की गरिमा को व्याख्यायित करती अतिसुन्दर रचना...
ReplyDeleteहिंदी दिवस पर बढ़िया रचना.
ReplyDeleteमन गदगद हो गया बंधु, कोई हिन्दी प्रेमी है लिख सकता है यह सब
ReplyDeleteनमन
दिनकर की ' हुंकार ' बिहारी की ' नावक के तीर '
ReplyDeleteनीर भरी दुःख की बदली अनजान है हिंदी |
बढ़िया रचना!!
हिन्दी के लिए!
ReplyDeleteथोडा विलम्ब पर हिन्दी दिवस मुबारक..
आशा है साल का हर दिन हम सबके लिए हिन्दीमय हो! :)
आभार
तेरे-मेरे बीच पर आपके विचारों का इंतज़ार है...
कोई शक नहीं।
ReplyDelete------
कभी देखा है ऐसा साँप?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
आओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को ,
ReplyDeleteभारत और भारती का सम्मान है हिंदी ।
हिंदी के सम्मान में लिखी गई एक उत्तम रचना।
jitni tarif ki jaaye kam hai..kavita ke madhayam se hindi jagat ke sahityik pratibhaon ka bhi sansmaran karwa diya aapne..sadar pranam ke sath
ReplyDeleteहिंदी को समर्पित सशक्त रचना एक विस्तृत कलेवर लिए .हिंदी कि इतिहासिकता लिए ,मिठास लिए ,वात्साय श्रृंगार लिए .प्रगतिवाद लिए ....
ReplyDeleteहिन्दी को समर्पित बहुत सुन्दर व अनुपम प्रस्तुति है आपकी झंझट भाई.
ReplyDeleteआपके शानदार योगदान से हिन्दी को उसका
सम्मान मिलके रहगा.
बहुत बहुत आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
वाह क्या बात है ! बेहद उम्दा रचना !
ReplyDeleteहिंदी दिवस पर इतनी सुंदर रचना । इसके लिये तो आपको जितना नवाज़ा जाये कम है । बेहद खूबसूरत ।
ReplyDeleteतुलसी की चौपाई और कबीरा की साखी ,
ReplyDeleteसूर - श्याम की मनमोहक मुस्कान है हिंदी |
जायसी के 'पद्मावत' में यह ' नागमती की पीर'
प्रेम दिवानी मीरा का 'विषपान' है हिंदी |
केशव का पांडित्य और रसलीन की रसधारा,
श्याम रंग में रँगी 'भक्त रसखान' है हिंदी |
बेहद उत्कृष्ट रचना है यह. आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.....नमन.
बहुत ही उम्दा रचना....उक्त रचना में कितना सार तत्व भरा है आपने बहुत ही सुन्दर !
ReplyDeleteह्रदय से नमन है असंख्य ह्रदय की भाषा इस हिन्दी को....
ReplyDeleteइस सुन्दर मोहक प्रसस्ति हेतु आपका साधुवाद...
अतिशय आनंद आया पढ़कर...
बहुत सुंदर लगी ,उत्कृष्ट रचना |सही में आप बहुत ही अच्छा लिखते हैं |
ReplyDeleteबहुत गहन विचार लिए रचना |आपकी लेखनी बहुत सशक्त है |
ReplyDeleteआशा
भाई सुरेन्द्र जी बहुत ही उत्कृष्ट दोहे बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteगौरव है गरिमा है हिन्दुस्तान है हिंदी
ReplyDeleteपर बात यह भी है बाकि भाषाओं को गले लगा कर ही हिंदी का उत्थाना होगा
आओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को,
ReplyDeleteभारत और भारती का सम्मान है हिंदी|
बेहद उत्कृष्ट रचना. हिंदी भाषा की महिमा में सुंदर रचना. बधाई.
हिंदी दिवस पर लिखी गयी सबसे उत्कृष्ट रचना है यह
ReplyDeleteहिंदी की बिंदी को जगमग करती कविता....अच्छा प्रयास !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना ...आभार आपका ! !
ReplyDeleteनीर भरी दुःख की बदली अनजान है हिंदी |
ReplyDeleteआओ करें प्रणाम मातृभू की इस ममता को,
भारत और भारती का सम्मान है हिंदी|
शुभकामनायें.....नमन.
बहुत ख़ूबसूरत कविता लिखा है आपने ! बेहद पसंद आया!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
अत्यंत सुन्दर एवं गेय रचना। बार-बार पढने का मन करता है। हिंदी के प्रति इन उत्कृष्ट भावों को सादर नमन।
ReplyDeletebahut sundar jhanjhat ji ....hindi pr kya khoob likha hai .... abhar.
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