वही घूंस है , वही कमीशन खोरी है |
वही गुंडई कायम सीनाजोरी है |
वही पुलिस की लूट वही दादागीरी |
वही दलाली छुटभैया नेतागीरी |
वही गाँव बदहाल वही झोपड़पट्टी |
जहां धधकती है महँगाई की भट्ठी |
वोट के सौदागर,क्या ये सब बदलेंगे |
झूठे वादे करने हैं .......सो कर लेंगे |
पर जनता को जागरूक बन जाना है |
सोच समझकर वोट का बटन दबाना है |
वही गुंडई कायम सीनाजोरी है |
वही पुलिस की लूट वही दादागीरी |
वही दलाली छुटभैया नेतागीरी |
वही गाँव बदहाल वही झोपड़पट्टी |
जहां धधकती है महँगाई की भट्ठी |
वोट के सौदागर,क्या ये सब बदलेंगे |
झूठे वादे करने हैं .......सो कर लेंगे |
पर जनता को जागरूक बन जाना है |
सोच समझकर वोट का बटन दबाना है |
वाह....बहुत खूब रचना...बधाई
ReplyDeleteनीरज
बहुत ही जरुरी है , हमें सोंच समझ कर हाथ बढ़ने चाहिए ! बहुत सुन्दर जागरुक करती कविता ! बधाई
ReplyDeletemhaul ke hisab se bahut achchi kavita hai
ReplyDeletebahut badia ji
ReplyDeleteपर जनता को जागरूक बन जाना है |
ReplyDeleteसोच समझकर वोट का बटन दबाना है |बहुत खूब.
sahi kaha
ReplyDeleteबहुत खूब.... वाह!
ReplyDeleteसादर बधाई...
बहुत खूब.... वाह!
ReplyDeleteसादर बधाई...
बहुत सुन्दर भाव्।
ReplyDeleteVyang aur ant mein sandesh pasand aaya...
ReplyDeletewww.poeticprakash.com
सुंदर सन्देश देती खूबसूरत रचना.
ReplyDeleteसुंदर सन्देश
ReplyDeleteसोचने को मजबूर करती है आपकी यह रचना ! सादर !
वर्तमान स्थिति का सही चित्रण।
ReplyDeleteबढि़या रचना।
सोच समझकर बटन दवा कर ही लोकतंत्र को बचाया जा सकता है..
ReplyDeleteak sakaratmak sandesh padhane ko mila ....abhar ke sath hi badhai Surendra ji.
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteGyan Darpan
..
बहुत सही लिखा है आपने ..
ReplyDeleteबहुत खूब.....
ReplyDeleteबेचारी जनता गलतियाँ दोहराने में ही खुश रहती हैं .......
ReplyDeleteअच्छा है भाई...जनता तो जनता ही रहेगी|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteप्रिय बंधुवर सुरेन्द्र सिंह "झंझट" जी
ReplyDeleteसस्नेहाभिवादन !
पर जनता को जागरूक बन जाना है
सोच समझकर वोट का बटन दबाना है
सही लिखा आपने ...
अच्छी प्रस्तुति !
नव वर्ष 2012 के लिए बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
jaagruk karti rachna bahut achchi.
ReplyDeleteबहुत खूब....
ReplyDeleteबहुत ज़रूरी है.. बहुत ज़रूरी है..
ReplyDeleteसमझदारी यहाँ, बहुत ज़रूरी है!
प्यार में फर्क पर अपने विचार ज़रूर दें...
बहुत खूब ... जागरूक रहना होगा ...
ReplyDeleteमकर संक्रांति की शुभकामनायें ...
सुंदर सन्देश...के साथ सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सार्थक अभिव्यक्ति सुंदर रचना,बेहतरीन पोस्ट....
ReplyDeletenew post...वाह रे मंहगाई...
खूब कहा है कि सोच समझ कर बटन दबाना है. सही है.
ReplyDeleteसन्देश देती अच्छी रचना,..
ReplyDeleteNEW POST --26 जनवरी आया है....
पर जनता को जागरूक बन जाना है |
ReplyDeleteसोच समझकर वोट का बटन दबाना है |
जब सभी एक थैली के चट्टे बट्टे हों तो क्या करें झंझट भाई.
आपकी सलाह पर सभी को गौर करना चाहिये.