Friday, December 16, 2011

तीर से ना कमान से पूँछव

                      अवधी-गीतिका 

पूँछा चाहव  तौ शान से पूँछव |
देश  के   हुक्मरान   से पूँछव |

राजा  अन्दर-चिदंबरम बाहर,
चाल ! हाई कमान  से  पूँछव |

देश  माँ  बेईमानी  केतनी  है ?
पहिले अपने ईमान से पूँछव |

घाव पायन तौ सिर्फ अपनेन से,
तीर  से  ना  कमान   से  पूँछव |

देशभक्ती कै  काव मतलब है,
कौनों सीमप जवान से पूँछव |

तीर   कैसन  लगा  करेजे मा ,
कामिनी  के कमान से पूँछव |

हारे   नेता  कै  हाल   कैसन  है,
कौनौ कूकुर -किरान से पूँछव |

38 comments:

  1. यही... कोई पूछता ही तो नहीं.

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  2. प्रभावी लिखा है |

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  3. बहुत प्रभावी है सुरेन्द्र भाई यह गीतिका...
    तीखी चुटकी और कटाक्ष करती हुई....
    सादर बधाई...

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  4. .

    घाव पायन तौ सिर्फ अपनेन से,
    तीर से ना कमान से पूछव ...

    People close to our hearts gives us the deepest wounds...

    .

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  5. देश माँ बेईमानी केतनी है ?
    पहिले अपने ईमान से पूछव |

    झंझट भाई,कमाल की प्रस्तुति है आपकी.
    बुरा जो देखन मैं गया बुरा न मिल्यो कोय
    जो घट खोजो आपनो,मुझ से बुरा न कोय.

    अंतर्मंथन की आवश्यकता है हर किसी को.

    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.

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  6. और एक बात ..
    गरीबी रेखा की लम्बाई चौड़ाई,
    कौनौ गरीब -किसान से पूछव |

    बेहतरीन रचना, सुंदर अभिव्यक्ति !

    आभार !!

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  7. तीखे सवाल जिनका कोई उत्तर देना नहीं चाहेगा क्यों कि सभी का अनुभव इस बारे में एक ही है :))

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  8. देशभक्ती कै काव मतलब है,
    कौनों सीमप जवान से पूछव |
    बिलकुल सही कहा है आपने...सुंदर अभिव्यक्ति ... आभार

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  9. Bada satik likhle bani...

    Bahut hi sundar evam satik vyang...

    www.poeticprakash.com

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  10. Bada satik likhle bani...

    Bahut hi sundar evam satik vyang...

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  11. kamal ki rachna hai..behtarin ek ek sher ka aanand uhtya..sadar badhayee

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  12. kamal ki rachna hai..behtarin ek ek sher ka aanand uhtya..sadar badhayee

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  13. वाह ...बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  14. वाह झंझट जी - इसे कहते है की जाके फटें न पैर वेबाय ,ऊ का जानी पीर परे ! बधाई

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  15. देश माँ बेईमानी केतनी है ?
    पहिले अपने ईमान से पूँछव |

    वाह ...गजब की पंक्तियाँ लिखी है आपने

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  16. तीखे तीखे, सीधे-सपाट शब्दों के तीर

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  17. घाव पायन तौ सिर्फ अपनेन से,
    तीर से ना कमान से पूँछव |
    बेहतरीन छंद का जादू सर चढ़के बोलत है .भेद पीया के खलत है .

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  18. राजा अन्दर-चिदंबरम बाहर,
    चाल ! हाई कमान से पूँछव |

    वाह,बहुत खूब.

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  19. देश माँ बेईमानी केतनी है ?
    पहिले अपने ईमान से पूँछव |
    बहुत सुंदर ....

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  20. Vah bhai Jhanjht ji mja aa gya ap to mere padosi thare ye aur majedar rha,,, abhar.

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  21. सुरेन्द्र जी, आपने गजब की रचना अवधी में लिखी,...पढकर मजा आ
    गया,...इस सुंदर रचना के लिए बहुत२ बधाई,......

    मेरी नई पोस्ट के लिए काव्यान्जलि मे click करे

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  22. बहुत खूब .व्यंग्य भी विनोद भी चुभन भी रोमांस भी ......

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  23. Gazab! Gazab! Gazab! Gazab!

    I like this avdhi geetika very much!

    Congrats!

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  24. हारे नेता कै हाल कैसन है,
    कौनौ कूकुर -किरान से पूँछव ...

    Great punches...Awesome !

    .

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  25. वाह...वाह...वाह...

    क्या बात कही...

    सभी के सभी कटु सत्य , पर मारक सुन्दर...

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  26. हारे नेता कै हाल कैसन है,
    कौनौ कूकुर -किरान से पूँछव | bahut badhiya surendra jee.

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  27. देशभक्ती कै काव मतलब है,
    कौनों सीमप जवान से पूँछव |
    लाजवाब रचना , आज के हुक्मरानों के मुहं म तमाचा है .

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  28. ख़ूबसूरत शब्दों से सुसज्जित उम्दा रचना के लिए बधाई!
    क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  29. बहुत सुन्दर एवं लयबद्ध रचना !
    आभार !

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  30. बहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।

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  31. अवधी में ग़ज़ल / गीतिका कमाल की है सुरेन्द्र भाई। आप तो हरफ़नमौला हैं सर जी, बहुत खूब।

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  32. हारे नेता कै हाल कैसन है,
    कौनौ कूकुर -किरान से पूँछव |..... बहुत खूब

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  33. आनेवाले नववर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.

    सुरेंद्र जी,मेरी पोस्ट 'हनुमान लीला भाग-२' पर आईयेगा.

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  34. तीर कैसन लगी करेजे मा ,
    कामिनी के कमान से पूँछव |waah

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  35. बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन रचना,.....सुरेन्द्र जी कमाल है
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

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