आज शहीदे आज़म सरदार भगत सिंह एवं उनके अभिन्न क्रन्तिकारी साथी राजगुरु और सुखदेव की पुण्य तिथि है | सांडर्स हत्या प्रकरण में २३ मार्च १९३१ को इन भारतमाता के अमर पुत्रों को अंग्रेजों द्वारा
फाँसी की सजा दे दी गयी | देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले इन्ही क्रन्तिकारी शहीदों की देन है हमारे देश की आज़ादी |
मात्र २३ वर्ष ३ माह २५ दिन की उम्र में सरदार भगत सिंह को फांसी दीगयी| अन्य क्रांतिकारियों की तुलना में सरदार भगत सिंह की लड़ाई कुछ लीक से हटकर थी | जहाँ अनगिनत आज़ादी के योद्धा देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए अपने प्राण हथेलियों पर रखकर जूझ रहे थे , वहीं सरदार भगत सिंह देश को अंग्रेजों की दासता के साथ-साथ साम्राज्यवाद के चंगुल से भी मुक्त किये जाने का संकल्प लिए आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे | उनका मानना था कि जब तक देश की सर्वोच्च सत्ता में किसानों और मजदूरों का वर्चस्व नहीं होगा ,देश को वास्तविक आज़ादी नहीं मिल सकती | उनकी विचारधारा शत प्रतिशत प्रासंगिक होते हुए भी आज तक अधर में ही है | स्वार्थलोलुप राजनेता उनकी विरासत को छिन्न-भिन्न करने में लगे हैं |
हम सरदार भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने में स्वयं का जितना योगदान कर सकें, कम है | सरदार भगत सिंह एवं उनके साथी क्रांतिकारियों, राजगुरु और सुखदेव के अमर बलिदान के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि भी यही होगी |
और अंत में बस इतना ही.........
अन्याय जो बर्दास्त कभी कर नहीं सकते |
बन्दूक, तोप से भी वे कभी डर नहीं सकते |
हर दिल में सदा रहते शूरवीर की तरह ,
होते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते |
गुंडों का नहीं है ये दलालों का नहीं है |
डंडों का नहीं है ये हवालों का नहीं है |
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
यह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है |
शुक्रिया महान सपूतों की याद दिलाने के लिए .
ReplyDeleteभारत माता के इन महान सपूतों की याद में शीश झुकाने को याद दिलाने के लिए .
ReplyDelete"होते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते" बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ हैं. शहीदों का बलिदान ही उनकी याद दिलाता रहेगा.
ReplyDeleteआभार.
भारत माँ के इन महान सपूतों को शत शत नमन.आपने क्या शानदार लिखा है
ReplyDelete'होते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते ..... देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले इन्ही क्रन्तिकारी शहीदों की देन है हमारे देश की आज़ादी |
स्वार्थलोलुप राजनेता उनकी विरासत को छिन्न-भिन्न करने में लगे हैं |
हम सरदार भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने में स्वयं का जितना योगदान कर सकें, कम है | सरदार भगत सिंह एवं उनके साथी क्रांतिकारियों, राजगुरु और सुखदेव के अमर बलिदान के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि भी यही होगी '
भारत माँ के इन महान सपूतों को शत शत नमन
ReplyDelete"होते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते" बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ हैं
मै आज अपने संस्था के प्रोग्राम में ब्यस्त था ..आप का ब्लॉग देखते ही याद आ गया ! बहुत ही सुन्दर पंकतिया आप ने लिखा है ! इन महान नीव के बलिदानियो को मेरी सच्ची श्रधांजलि
ReplyDeleteअमर शहीदों की पावन याद में
ReplyDeleteलिखा गया आपका आलेख
बहुत प्रभावशाली रहा .
आपकी दुआओं में हम सब शामिल हैं ....
अभिवादन .
भारत माता के इन सपूतो को मेरी सच्ची श्रन्धांजलि !
ReplyDelete..आभार आपका।
ReplyDeleteशहीद भगत सिंह….जिंदाबाद शहीद भगत सिंह….जिंदाबाद
ReplyDeleteइंकलाब…जिंदाबाद !
गुंडों का नहीं है ये दलालों का नहीं है |
ReplyDeleteडंडों का नहीं है ये हवालों का नहीं है |
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
यह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है |
आज तो आपकी कलम मेरे दिल को चीर गयी.
आपको दिल की कलम से सलाम.
vande-matram.
ReplyDeleteगुंडों का नहीं है ये दलालों का नहीं है |
ReplyDeleteडंडों का नहीं है ये हवालों का नहीं है |
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
यह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है |....
अंतस को झकझोरती हुई मर्मस्पर्शी रचना ....
यही ज़ज्बा सभी के दिल में हो तो देश के हालात सुधर जाएं...
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई।
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत , यह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है |
ReplyDeleteआपका कहना सही है ....इस साहस के लिए आपको हार्दिक बधाई
हर दिल में सदा रहते शूरवीर की तरह ,
ReplyDeleteहोते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते |
भारत माता के इन सपूतो का क़र्ज़ तो हम कभी नहीं चुका सकते .... इन महान सपूतों को हमारा शत शत नमन....
बहुत अच्छा और सार्थक लेखन....
शहीदों को आपने सच्ची श्रधान्जलि अर्पित की है , आभार।
ReplyDeleteयह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
ReplyDeleteयह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है-bahut sateek shabdon me shaheedon ko yaad kiya hai .aabhar .
अमर शहीदों को मेरा शत शत नमन जिन्दावाद वीर भगत राज गुरु सुखदेव जिनहोने आज हमें आज खुली हवा में सांस लेने का अवसर दिया !
ReplyDeleteदेश के शहीदो केा नमन
ReplyDeleteशहीदो की चिताओ लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा
सार्थक आलेख के लिए आभार
शहीदो की चिताओ लगेंगे हर बरस मेले
ReplyDeleteवतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
ReplyDeleteयह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है |
सुरेश जी , इतनी उम्दा , ओजमयी पंक्तियों से मन प्रसन्न हो गया।
.
हर दिल में सदा रहते शूरवीर की तरह ,
ReplyDeleteहोते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते |
ekdam theek.bahut achchi lagi.
Ye desh hai Saheedon ka aur Sacche sapooton ka,par durbhagya vash is par kapoot raj kar rahe.Kya Middle East aur arab deshon me ho rahi kranti se ham kuchh seekhenge ...shayad shaheedon ko hamari yahi sacchhi shraddhanjali hogi
ReplyDeleteअमर शहीदों को नमन .....
ReplyDeleteशहीदों को शत शत नमन!
ReplyDeleteबहुत सुंदर ... पंक्तियाँ....सार्थक विचार...
ReplyDeleteनमन इन वीर देशभक्तों को....
प्रिय भाई जी, आपसे पूरी तह इत्तेफाक रखते हुए आपकी इस श्रद्धांजलि में शामिल होते हुए..वीर शहीदों को नमन. ...आपने सच कहा है भाई.
ReplyDeleteगुंडों का नहीं है ये दलालों का नहीं है |
डंडों का नहीं है ये हवालों का नहीं है |
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
यह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है |
सुंदर अभिव्यक्ति |बधाई
ReplyDeleteआशा
एक बेहतरीन रचना के लिए आभार !
ReplyDeleteहोते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते |
ReplyDeletebilkul sach
sunder aalekh
भारत माँ के इन महान सपूतों को शत शत नमन.आपने क्या शानदार लिखा है
ReplyDeleteअन्याय जो बर्दास्त कभी कर नहीं सकते | बन्दूक, तोप से भी वे कभी डर नहीं सकते | हर दिल में सदा रहते शूरवीर की तरह , होते हैं जो शहीद कभी मर नहीं सकते | गुंडों का नहीं है ये दलालों का नहीं है |
डंडों का नहीं है ये हवालों का नहीं है |
यह देश है हमारे शहीदों की अमानत ,
यह देश, देश बेंचनेवालों का नहीं है
काश ये बात हिंदुस्तान का हर आदमी समझता काश ये राजनेता समझते तो देश का ये हाल न होता बेहतरीन प्रस्तुति
इन महान सपूतों को शत शत नमन. बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteवंदे मातरम !
ReplyDeleteशहीदों को शत शत नमन.
बेहतरीन प्रस्तुति|महान सपूतों को शत शत नमन|
ReplyDeleteशहीदों को नमन.
ReplyDeleteBahut sundar prastuti...shahidon ko hardik naman
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