अँधेरे का चारों तरफ बोलबाला |
कहीं पर दिवाली-कहीं पर दिवाला |
महंगाई ने है कमर तोड़ डाली
गरीबों की थाली है रोटी से खाली
है भ्रष्टों की चांदी-दलालों की चांदी
नेताओं ने भारत की लुटिया डुबा दी
घोटालों का खेल-कहीं खेल में घोटाला |
कहीं पर दिवाली - कहीं पर दिवाला |
पंचों-प्रधानों की लीला निराली
इलेक्सन में सारी हदें तोड़ डाली
वोटर ने भी खूब जमकर छकाया
चला दाम-दारू औ मुर्गा उड़ाया
मगर वोट-नोटों की गड्डी में डाला |
कहीं पर दिवाली- कहीं पर दिवाला |
भाई की महफ़िल का क्या है नज़ारा
चल जाती है गोली मिलते इशारा
जगमग हवेली भला क्या कमी है
जुआ और इंग्लिश की महफ़िल जमी है
पुलिस-नेता-अफसर का संगम निराला |
कहीं पर दिवाली - कहीं पर दिवाला |
मिलावट-मिठाई है याकि जहर है
चारों तरफ बस कहर ही कहर है
धरम-जाति-वर्गों में हम सब बँटे हैं
कुर्सी के चक्कर में बड़के फँसे हैं
शहीदों के सपनों को ही बेंच डाला |
कहीं पर दिवाली - कहीं पर दिवाला |
देखो गरीबी में आटा है गीला
बिना रंग डाले ही चेहरा है पीला
समोखन के घर में न है एक पाई
लिया ब्याज पर तब दिवाली मनाई
बताओ भला है कहाँ पर उजाला ?
कहीं पर दिवाली-कहीं पर दिवाला
मगर वोट-नोटों की गड्डी में डाला |
कहीं पर दिवाली- कहीं पर दिवाला |
भाई की महफ़िल का क्या है नज़ारा
चल जाती है गोली मिलते इशारा
जगमग हवेली भला क्या कमी है
जुआ और इंग्लिश की महफ़िल जमी है
पुलिस-नेता-अफसर का संगम निराला |
कहीं पर दिवाली - कहीं पर दिवाला |
मिलावट-मिठाई है याकि जहर है
चारों तरफ बस कहर ही कहर है
धरम-जाति-वर्गों में हम सब बँटे हैं
कुर्सी के चक्कर में बड़के फँसे हैं
शहीदों के सपनों को ही बेंच डाला |
कहीं पर दिवाली - कहीं पर दिवाला |
देखो गरीबी में आटा है गीला
बिना रंग डाले ही चेहरा है पीला
समोखन के घर में न है एक पाई
लिया ब्याज पर तब दिवाली मनाई
बताओ भला है कहाँ पर उजाला ?
कहीं पर दिवाली-कहीं पर दिवाला
aapki rachan bahut hi badhiyan
ReplyDeletesaleem
9838659380
damdar post. aabhar.
ReplyDeleteयथा-तथ्य चित्रण किया है आपने...यही सब तो हो रहा है चदुर्दिक!
ReplyDeleteआप समय से नज़र मिलाकर चलते हैं, यह अच्छा लगा।
समाज का सच्चा चित्रण है इस कविता में.........आप बहुत पैनी नज़र रखते हैं..............कविता की लय भी बहुत अच्छी है.
ReplyDeleteसराहनीय लेखन....हेतु बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
ReplyDeleteसद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
diwalee kee visangati ka bahut hee sundar chitran...
ReplyDeletebahut hee khoobsurat rachna.....badhayi
ReplyDelete