सरकारी वाहन
साहब तो विभाग में घुसते ही
भ्रष्टाचार की दुहिता
भ्रष्टाचार की दुहिता
राजकुमारी रिश्वतसंहिता से
मैरेज कर चुके हैं
और सरकारी वाहन-
दहेज़ में पा चुके हैं !
फ़िल्मी दुनिया
आजकल -
फ़िल्मी दुनिया के पीछे
सारी दुनिया चल रही है |
गाँव की भोली-भाली-
फुलमतिया भी
मल्लिका शेरावत
बन रही है |
विधायकी चिंता
ये सर की करें चिंता या कार की करें |
या बीहड़ों में बैठे सरदार की करें |
झंझट ये हैं विधायक ,मजबूरियां भी हैं ,
चिन्ता करें तुम्हारी या घर-बार की करें |
बिल्कुल सही कह रहे हैं……………करारा व्यंग्य्।
ReplyDeleteपहली बार आपकी रचना पढ़ीं, बिलकुल सही लगी क्योंकि मेरे विचारों से मेल खाती हैं, सुन्दर रचना के लिए आभार.
ReplyDelete:-अरविन्द जांगिड
ये सर की करें चिंता या कार की करें |
ReplyDeleteया बीहड़ों में बैठे सरदार की करें |
झंझट ये हैं विधायक ,मजबूरियां भी हैं ,
चिन्ता करें तुम्हारी या घर-बार की करें
वो मारा पापड़ वाले को।
5.5/10
ReplyDeleteआपकी क्षणिकाओं में बहुत धार है
आपको पढना सुखद है.
hihihi....bohot khoob, acchi utaari hai sabki....accha laga aapko padhna
ReplyDeleteवाह “झंझट“ साहब वाह
ReplyDeleteतीनो तुरूप के इक्के है
बेहतरीन व्यंग
... bahut khoob ... behatreen !!!
ReplyDeleteAapki vyang rachnaayen sarthak aur prasansniye hain. Bahut hi dhardaar likhte hain aap. iske liye apko bdhaai.
ReplyDeleteबहुत खूब, तीखा व्यंग्य हे आपकी इन छोटी रचनाओं में...बधाई।
ReplyDeleteये सर की करें चिंता या कार की करें |
ReplyDeleteया बीहड़ों में बैठे सरदार की करें |
झंझट ये हैं विधायक ,मजबूरियां भी हैं ,
चिन्ता करें तुम्हारी या घर-बार की करें |
xxxxxxxxxxxxxx
बहुत बढ़िया ...शुभकामनायें
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया
झंझटिया की कविताई
ReplyDeleteहमें भी भाई....
बधाई हो झंझट भाई...!
waah....!!!!!
ReplyDeleteKya baat.. behad sahi aur sateek vyangya :)
ReplyDeleteपहली बार आया हूँ आपके ब्लॉग पर और मस्त हास्य रस ले कर ज रहा हूँ ... बहुत खूब ..
ReplyDeleteसटीक अवलोकन
ReplyDelete