मुहफट लज्जारहित सयानी
लटक-झटक नखरही गुमानी
जहरबुझी जिह्वा जगजानी
चैनलिया इन्साफ के जरिये
किसी के जीवन अंत की , धिक् बोलो
टी आर पी बढ़ानेवाली
असभ्यता सरसाने वाली
संस्कृती झरसाने वाली
काली-अंग्रेजियत नमूना
मीका-कथा अनंत की , धिक् बोलो
तड़क-भड़क कतरन की गुडिया
सेक्स उभारक जादू पुड़िया
नज़र-नज़ारा नजरी कुडिया
चुना स्वयं वर ठोकर मारी
टी वी वाले कंत की , धिक् बोलो
बड़बोली आईटम धमाका
डाले रोज इमोशनल डाका
क्या होगा अब देश का काका ?
नारी की गौरव-गरिमा में
घोल रही छल-छंद की , धिक् बोलो
अच्छी रचना , बधाई आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ......
ReplyDeleteकभी हमारे ब्लॉग पर भी आए //shiva12877.blogspot.com
लो जी साहब हमने भी धिक बोल दी
ReplyDeleteमजा आ गया
आप के ब्लोग पर आ कर आनन्द मिला ! आभार मेरे हिंदी ब्लोग पर आने के लिए ! मेरे ब्लोग पर भी दस्तक दें व फ़ोलो कर मार्ग प्रशस्त करें !
ReplyDeleteधिक् बोलो ! मैंने भी बोल दिया !,
ReplyDeleteसुन्दर रचना.
कुछ ख़ास बात लगती है झंझट में ! हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत सटीक ....अच्छा व्यंग ..
ReplyDeleteसुन्दर रचना.
ReplyDeleteअच्छा व्यंग है.बधाई.
ReplyDeleteलाज़वाब व्यंग है!!!
ReplyDeleteआपका अंदाज स्ट्रीट एक्ट के लिए और उद्देश्य पूर्ण नाटय प्रस्तुतियों के लिए एकदम प्रभावी है...मंचन क्षेत्र में आपकी धाक निश्चित रूप से होगी..बधाई
ReplyDelete... bahut sundar !!!
ReplyDeleteकाली-अंग्रेजियत नमूना
ReplyDeleteमीका-कथा अनंत की
तीखा व्यंग्य लिखा है आपने...
...सभी विशेषण उस पर बिल्कुल फिट बैठ रहे हैं।
लाज़वाब व्यंग ....
ReplyDeleteHahahah.. karara vyangya..
ReplyDeleteDHIKKK!!! aapki behad maang par maine bhi bol hi dia :)
Keep writting :)
मुहफट लज्जारहित सयानी
ReplyDeleteलटक-झटक नखरही गुमानी
जहरबुझी जिह्वा जगजानी
bilkul sahi sameekha.
धिक् बोलो !
ReplyDeleteये धिक्, धिक् क्या है .....?
ये धिक्,धिक्....
ha ha ha ha
ReplyDeletebohot badhiya sir...
ReplyDeleteबहुत खूब क्या कहने!
ReplyDeleteक्रिएटिव मंच आप को हमारे नए आयोजन
'सी.एम.ऑडियो क्विज़' में भाग लेने के लिए
कल रविवार, 12 दिसंबर, प्रातः 10 बजे आमंत्रित करता है.आभार
बड़बोली आईटम धमाका
ReplyDeleteडाले रोज इमोशनल डाका
क्या होगा अब देश का काका ?
xxxxxxxxxxxxxx
हमने भी कह दिया धिक् ....गजब का व्यंग्य ...शुक्रिया