आज मैं आप सभी कलम के सजग सिपाहियों का, मेरे ब्लॉग पर आने और अपने अनमोल कमेंट्स देने का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ | आप सब का स्नेह इसी तरह बना रहे ,प्रभु से प्रार्थी हूँ | एक बात और कहना चाहूँगा कि मेरा अपना कम्प्यूटर या लैपटॉप नहीं है , हाँ ऑफिस में जरूर है |उसी पर कुछ समय निकालकर थोड़ा-बहुत लिख पढ़ लेता हूँ |
आप सब से, एक दूसरे के कभी आमने-सामने न होने के बावजूद न जाने कैसा आत्मीय सम्बन्ध जुड़ गया है जो सदैव एहसास दिलाता रहता है कि बहुत दूर-दूर रहते हुए भी हम एक दूसरे के कितने करीब हैं ! हाँ ,कुछ रचनाकार जैसे 'मानवीय सरोकार' के भाई डा० डंडा लखनवी जो कई वर्षों पूर्व कविमंचों पर अन्तरंग हुआ करते थे, भी मिले | इतने दिनों बाद का पुनर्मिलन बहुत सुखदाई रहा | जितना पहुँच पाता हूँ ,इस ब्लॉग जगत के लेखकों को पढ़ने का प्रयास करता हूँ | जहाँ वरिष्ठ रचनाकारों को नमन करने का मन करता है, वहीँ दूसरी ओर नवोदित रचनाकारों की अभिव्यक्ति देखकर मन बाग़-बाग़ हो जाता है | स्थापित लेखकों / लेखिकाओं का रचना- संसार इतना व्यापक दिखता है कि उसमें प्रवेश करते ही खो जाना पड़ता है और यह खो जाना ही असीम आनंद देता है |
मैं खुले ह्रदय से स्वीकारता हूँ कि ब्लॉग जगत में आने के बाद मेरा सोया रचनाकार जगा है | इसका काफी श्रेय आप सब को भी जाता है | आज कोई रचना पोस्ट करने बैठा था मगर पता नहीं क्यों यह सब अपने आप लिख गया | आप सब को पुनः कोटि-कोटि धन्यवाद .......बहुत-बहुत हार्दिक शुभ कामनायें | आप सब स्वस्थ रहें , सुखी रहें , सपरिवार सानन्द रहें |
आपकी लेखनी अबाध गति से चलती रहे , साहित्य को समृद्ध करती रहे , देश और समाज को दिशा देती रहे |