ज़माने की नज़रे इनायत नहीं है |
मगर फिर भी कोई शिकायत नहीं है |
उसी के हैं चर्चे , तुम्हारे शहर में ,
जो अब इस जहां में,सलामत नहीं है |
यहाँ लोग पूजेंगे, जब हम न होंगे
ये भारत है प्यारे! विलायत नहीं है |
जो सच बोलता है , अकेला खड़ा है ,
उसे आज हासिल , हिमायत नहीं है |
जो शब्दों में उतरा, वो है दर्द दिल का ,
मेरा शेर 'झंझट' , हिकायत नहीं है |