संगमरमर की तराशी मूर्ति हो तुम ,
या अजन्ता की कोई जीवित कला ।
याकि हो अभिशप्त उतरी मृत्युभू पर ,
देवबाला हो कि .........कोई अप्सरा ।
शांत यमुना सी सुकोमल सुमन सी ,
श्याम घन सम केश सुन्दर कामिनी ।
या कि.......... भादौं की अँधेरी रात में ,
चीर घन चमकी हो चंचल दामिनी ।
स्वर्ण सी काया महक चन्दन उठे ,
या सुमन की मधुर मोहक गंध हो ।
या मनुज-स्वप्नों की अद्भुत सुन्दरी ,
या किसी कवि का सरस मधु छंद हो ।