चन्द लफ़्ज़ों का असर हो.... ये जरूरी तो नहीं |
मेरे नगमों में हुनर हो...... ये जरूरी तो नहीं |
दिल से लिखता हूँ , ग़ज़ल है कि ग़ज़ल जैसी है ,
मेरी आहों में बहर हो...... ये जरूरी तो नहीं |
सिर्फ साँसों का सफ़र है ......ये जिंदगी अपनी ,
रोज़ घुट-घुट के गुज़र हो ...ये जरूरी तो नहीं |
उसके घर के बगल में. अपना घर है.. क्या कहना ,
अब उसकी मुझ पे नज़र हो....ये जरूरी तो नहीं |
दर्द पी पी के ही जीना है ...........जिंदगी यारों ,
उम्र जलवों में बसर हो ......ये जरूरी तो नहीं |
कहते हो आदमी जहरीला है ...साँपों सा मगर ,
सभी साँपों में ज़हर हो......ये जरूरी तो नहीं |
अपनी दीवानगी से खुश हूँ ..क्यूँ अफ़सोस करूँ ,
होश में सारा शहर हो......ये जरूरी तो नहीं |