आखिर सिंहासन को झुकना ही पड़ा .....जनता के आगे !
सत्याग्रह के समक्ष असत्य ने घुटने टेक दिए | 'स्वतंत्र भारतवर्ष' के दूसरे गाँधी और समग्र अहिंसक जनक्रांति के दूसरे जय प्रकाश नारायण के रूप में देश की जनता को अन्ना हजारे जैसा समर्थ युगपुरुष मिल ही गया | जन लोकपाल बिल लाकर,भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे देश को उबारने की मुहिम के प्रथम चरण को उम्मीद से अधिक ही सफलता मिली | सत्य और अहिंसा के अनुयायी, सत्याग्रही सम्माननीय अन्ना हजारे के ९७ घंटे के उपवास के दौरान पूरे देश के कोने-कोने में जैसे बिजली दौड़ गयी | हर जाति, धर्म और वर्ग के बुज़ुर्ग , युवा , बच्चे , महिलायें प्रबुद्ध ,अनपढ़ , रिक्शाचालक , मजदूर ,किसान और संगठन ; भ्रष्टाचार-हनन के इस आन्दोलन में जी-जान से शामिल हुए | सिंहासन हिलता देख, वही सरकार जिसने कुछ समय पूर्व अन्ना जी द्वारा लिखे पत्र का जवाब देना जरूरी नहीं समझा था - जंतर-मंतर पर नतमस्तक हो गयी |
लोकतंत्र में लोक जीता ----तंत्र हारा !
यह जीत पूरे देश के उस अधिसंख्य वर्ग की जीत है जो भ्रष्टाचारियों के मकडजाल में फँसे देश के असहाय
लोकतंत्र में कदम-कदम पर मौत से पहले ही कई-कई बार मरते रहने को विवश है | जन लोकपाल बिल का मसौदा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा चुका है किन्तु इस सफलता के एक दिन बाद ही राजनीति के मदारियों ने अपनी-अपनी जादूगरी दिखानी शुरू कर दी है | कोई अन्ना जी पर ही मिथ्यारोपण कर रहा है तो कोई मुद्दे को ही भटकाने में लगा है | अन्ना जी 'भ्रष्टाचारमुक्त ग्राम सुराज' के द्वारा 'भ्रष्टाचारमुक्त भारत' का पुनर्निर्माण करने के उसी संकल्प पर कर्मरत हैं जिसका सपना कभी महात्मा गाँधी ने देखा था |
तो आइये ... हम सब अन्ना जी के नेत्रित्व में और किरण वेदी , केजरीवाल , स्वामी अग्निवेश, योग गुरु रामदेव जैसे स्वच्छ छवि वाले सभी 'देशहित चिंतकों' के 'राष्ट्र कल्याण मिशन' से जुड़कर इसे कामयाब बनाने में अपना सम्पूर्ण सहयोग करें | ईमानदार , स्वच्छ और जनहितकारी लोकतंत्र की परिकल्पना के साथ-साथ अखंड, स्वाभिमानी एवं विश्वशिरमौर भारतवर्ष के निर्माण यज्ञ में अपने पवित्र भावों की आहुति डालने में कदापि पीछे न रहें | स्वयं को भ्रष्टाचार से अलग रखते हुए हम जहां कहीं भी हों इसके विरुद्ध पूरी ताकत के साथ खड़े होकर इसका जमकर मुकाबला करें |
क्योंकि यह जीत नवरात्रि के शुभ अवसर पर मिली है, अतः 'आदिशक्ति माँ जगदम्बा' की कृपा को प्रणाम करना चाहूँगा .......
जेहि प्रेरत ही मधु कैटभ मारन, भार उतारन श्रीहरि जागे |
जासु भवानी कै रूप विशाल, लखे यमदूत कराल हु भागे |
जोग औ भोग तिहूँ पुर कै सुख, देति जो पुत्रन को बिन माँगे |
माई कै आँचल त्यागि 'सुरेन्द्र', न हाथ पसारिहौं आन के आगे |
जाकी कृपा विधि श्रृष्टि रचैं,प्रभु पालें, विनाश करैं त्रिपुरारी |
सुवाणी स्वरूप धरे जगती,शुचि बुद्धि,विवेकमयी अधिकारी |
माँ सीता बनी संग राघव के, अघपुंज दशानन कै कुल तारी |
लाल बेहाल 'सुरेन्द्र' भला , जननी सम को जग में हितकारी |
saty ki jeet hui,
ReplyDeletesatymev jayte
जोग औ भोग तिहूँ पुर कै सुख, देति जो पुत्रन को बिन माँगे ।
ReplyDeleteमाई कै आँचल त्यागि सुरेन्द्र, न हाथ पसारिहौं आन के आगे ।
भक्ति-भावना से परिपूर्ण प्रभावशाली रचना के लिए आभार।
आपको दुर्गाष्टमी और रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
हमने भी जंग छेड़ दिया है !
ReplyDeleteसिंहासन झुका नहीं, झुक कर छिप गया है.
ReplyDeleteआगाज तो अच्छा ही हुआ है...
ReplyDeleteहम भी तन-मन से इस अभियान में शामिल हैं ।
हाँ पहला कदम तो सफल रहा .....आगे भी जंग जारी रखनी होगी .....सार्थक लेख
ReplyDeleteदुर्गाष्टमी और रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
अन्ना ने अभी तक जो जीत हासिल की है वह अपने चरित्रिक बल पर जीती है। चरित्र मानवीय-मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता से सवंरता है। चरित्रवान के लिए आत्म-निरीक्षण और अवगुणों से छुटकारा पहली शर्त है। संयम और त्याग की आँच पर ख़ुद को तपाना पड़ता है। हरामख़ोरी से बचना होता है। चरित्र बाहरी दिखावा नहीं अभ्यांतरिक शुद्धता है। चरित्र व्यक्ति के आचरण और व्यवहार से झलकता है। नेता जी सुभाषचंद बोस, सरदार भगतसिंह, रामप्रसाद ’बिस्मिल’ आदि ने कभी सोचा न होगा कि जिस आजादी को प्राप्त करने के लिए वे जीवन की कुर्बानी दे रहे हैं। वह भ्रष्टाचार के कारण इतना पतित हो जायगी। भ्रष्टाचार से परहेज़ करने का पाठ सभी प्रकार के सार्वजनिक मंचों से खूब पढ़ाया जाता है परन्तु यथार्थ में क्या स्थिति है वह किसी से छुपी हुई नहीं है।
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मनुष्य बनने पर जोर कहाँ दिया जा रहा है? भारत में राजनैतिक सत्ता के गुलगुले जाति-धर्म के गुड़ से बनते हैं। यदि गुड़ खराब होगा तो उससे बना हर पकवान खराब होगा। गुड़ को शोधित किए बिना अच्छे परिणाम की कल्पना करना व्यर्थ है।
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सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
maa adishakti ko samrpit , bahut achchi lagi aapki rachna ..
ReplyDeleteअसली जंग तो अब शुरू होगी,
ReplyDeleteसारे राजनेता एक सुर में विरोध कर रहे है
स्वयं को भ्रष्टाचार से अलग रखते हुए हम जहां कहीं भी हों इसके विरुद्ध पूरी ताकत के साथ खड़े होकर इसका जमकर मुकाबला करें.....
ReplyDeleteसार्थक लेख... दुर्गाष्टमी और रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
जो सत्य की राह पर चलता है अंततोगत्वा जीत उसी की होती है।
ReplyDeleteजाकी कृपा विधि श्रृष्टि रचैं,प्रभु पालें, विनाश करैं त्रिपुरारी |
ReplyDeleteसुवाणी स्वरूप धरे जगती,शुचि बुद्धि,विवेकमयी अधिकारी |
माँ सीता बनी संग राघव के, अघपुंज दशानन कै कुल तारी |
लाल बेहाल 'सुरेन्द्र' भला , जननी सम को जग में हितकारी |
बहुत सुन्दर प्रार्थना...
आगे भी जंग जारी रखनी होगी .....सार्थक लेख
ReplyDeleteसार्थक लेख
ReplyDeleteदुर्गाष्टमी और रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
bahut sarthak aalekh
ReplyDeleteलोग कहते हैं- सत्य परेशान हो सकता है,पराजित नहीं .अन्ना साहब के सत्याग्रह से यह साबित हो गया है. आपका आलेख विचारणीय है. प्रेरणादायक प्रस्तुतिकरण के लिए आभार. श्रीरामनवमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं . कृपया यहाँ भी देखें -
ReplyDelete'राम की सेना है जनता '
swaraj-karun.blogspot.com
सार्थक लेख. रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteजंग में तो सदा सत्य की ही जीत होती है...आभार
ReplyDeleteरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत सुन्दर आन्दोलन और देश के हित में आये परिणाम । अब बस यही प्रार्थना है की सब सुचारू रूप से चलता रहे।
ReplyDeleteGandhiji ke sapnon ko poora hone ka waqt agaya hai kyonki Anna hajare ji ke sath imandaron ki toli bigul baja chuki hai'agar samay par mangen puri na ki gai to Isbar madariyon ki na to jadugari chalegi na hi oh janta ke samne chehra dikha payenge'hum bapuji ke BHRASTACHAR VIRODHI ABHIYAN men unke sath hain.JAI MATAJI'
ReplyDelete...बढ़िया।
ReplyDeleteसार्थक लेख, रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteसार्थक लेख|
ReplyDeleteरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
Jhanjhat Ji...vicharotejjak article ke liye dhanyavaad.Hamari dikkat sabse bari yahi hai ki ham shuru to koyi bhi kaam acchhe intentions ke sath karte hain par kahin na kahin mulyon ka hras shuru ho jata hai aur pure aandolan ko kuchh swarthi tatva hijack kar lete.Anna Hazare ko satark rahna hoga aur hamein bhi.Is andolan ko sabse bara samarthan yahi hoga ki ham sab yah pran len ki apni zindgi mein kabhi galat kaam nahi karenge,anushashit rahenge aur desh hit ko sarvopari samjhenge.Maine bhi apne SAMAY KE HASTAKSHAR mein is par likh hai.samay ho to kripya mantavya denge.
ReplyDeleteस्नेहिल और प्रिय ...भाई जी !
ReplyDeleteसादर नमस्कार ....आप इसी तरह समाज में ओज जगाते रहिये भाई जी आपका अकिंचन भाई भी आपके साथ है .
बहुत सही कहा है आपने इस आलेख में ...बेहतरीन ।
ReplyDeleteजेहि प्रेरत ही मधु कैटभ मारन, भार उतारन श्रीहरि जागे |
ReplyDeleteजासु भवानी कै रूप विशाल, लखे यमदूत कराल हु भागे |
जोग औ भोग तिहूँ पुर कै सुख, देति जो पुत्रन को बिन माँगे |
माई कै आँचल त्यागि 'सुरेन्द्र',न हाथ पसारिहौं आन के आगे |
आदिशक्ति माँ को प्रणाम ......
सार्थक पंक्तियाँ.....!!
सार्थक लेख
ReplyDeleteSahi kaha ..sundar post..
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