Wednesday, November 2, 2011

प्यास तो सिर्फ प्यास होती है

जिंदगी   जब    उदास  होती  है |
तू    मेरे   आस-पास    होती  है |
बुझ गई गर  तो प्यास ही कैसी , 
प्यास तो   सिर्फ प्यास  होती है |

तू जहाँ पर थी वहीँ , पदचिन्ह  तेरे  ढूंढता हूँ |
तू गयी पर मैं तेरी,यादों से तुझको पूंछता हूँ |

एक  ज़माना  पहले  जैसी, अब  भी  लगती हो |
आँखों  ही  आँखों  में   बातें,  करती   लगती हो |
चाल वही-मुस्कान वही- नज़रों  का  बाँकापन ,
उम्र न कुछ कर सकी,उम्र को ठगती लगती हो | 


51 comments:

  1. बहुत खूब, बधाई.

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  2. पहले जैसी, अब भी लगती हो ....?

    उम्र प्यार पर कब हावी हो पाई है सुरेन्द्र जी .....:))

    वही चाल वही-मुस्कान वही बाँकापन मुबारक आपको ...

    :))

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  3. तू जहां पर थी वहीं , पदचिन्ह तेरे ढूंढता हूं

    बहुत ख़ूब ! … जैसे मेरी ही बात कही हो…
    सुरेन्द्र जी

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  4. जिंदगी जब उदास होती है |
    तू मेरे आस-पास होती है |
    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |

    वाह... बहुत खूब कहा है आपने... शुभकामनाये

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  5. प्यास तो सिर्फ प्यास होती है
    जिंदगी जब उदास होती है |
    तू मेरे आस-पास होती है |
    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |
    तू जहाँ पर थी वहीँ , पदचिन्ह तेरे ढूंढता हूँ |
    तू गयी पर मैं तेरी,यादों से तुझको पूंछता हूँ |बेहद उदास करती सी रचना ऐसा ही होता है ज़िन्दगी में गर सन्दर्भ न बदलें तो ,सन्दर्भ बदले तो सब कुछ बदल जाता है .

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  6. वाह ....बहुत खूब कहा है आपने ।

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  7. क्या बात हैं बहुत सुंदर .....

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  8. वाह! सुरेन्द्र जी वाह!
    अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार....!

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  9. तीनों मुक्तक सुंदर हैं सुरेन्द्र भाई
    बधाई

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  10. उम्र न कुछ कर सकी,उम्र को ठगती लगती हो....बहुत ही सुन्दर !

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  11. sundar rachna badhaai
    .समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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  12. सुंदर मुक्तक अच्छी पोस्ट,मेरी पोस्ट में आने का आभार .....

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  13. बढ़िया रचना सुरेन्द्र भाई... वाह!
    सादर बधाई...

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  14. तीनों ही तस्वीरें बेहतरीन.

    तेरे चेहरे की झुर्रियां
    उम्र का सवाल है.
    अब भी लगती है तू हसीं
    मेरी नज़रों का कमाल है.

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  15. अतिसुन्दर...वाह!

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  16. बहुत ही खुबसुरत....

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  17. सुंदर प्रस्तुति. प्यार तो बस प्यार ही होता है.

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  18. शीर्षक ही बहुत कुछ कह गया ! बधाई ! मेरे ब्लॉग का लिंक बदल गया है - नया लिंक-www.gorakhnathbalaji.blogspot.com

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  19. बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |

    मेरे प्रिय भ्राता की बात ही निराली है ......कितनी सही बात कही है है की जो बुझ जाए वो प्यास ही क्या.

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  20. तू जहाँ पर थी वहीँ , पदचिन्ह तेरे ढूंढता हूँ |
    तू गयी पर मैं तेरी,यादों से तुझको पूंछता हूँ |..

    behtreen likha hai sir ji...
    jai hind jai bharat

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  21. क्या बात है इस मुक्तक की ... लाजवाब ...

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  22. एक ज़माना पहले जैसी, अब भी लगती हो |
    आँखों ही आँखों में बातें, करती लगती हो |
    चाल वही-मुस्कान वही- नज़रों का बाँकापन ,
    उम्र न कुछ कर सकी,उम्र को ठगती लगती हो |
    बहुत ही खुबसुरत |

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  23. क्या बात है ...बहुत खूब

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  24. बहुत सुन्दर..
    आपके ब्लॉग पे पहली बार आना हुआ !

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  25. बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |

    bahut khoob!

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  26. .

    तू जहाँ पर थी वहीँ , पदचिन्ह तेरे ढूंढता हूँ |
    तू गयी पर मैं तेरी,यादों से तुझको पूंछता हूँ ...

    loving the expression...

    .

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  27. बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  28. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  29. ये प्यास हमेशा बनी रहे तब तो सुन्दर रचना निकलेगी..

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  30. जिंदगी जब उदास होती है |
    तू मेरे आस-पास होती है |
    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |
    खूबसूरत रचना |

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  31. जिंदगी जब उदास होती है ।
    तू मेरे आस-पास होती है ।
    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है ।

    बहुत अच्छा मुक्तक लिखा है आपने।
    शुभकामनाएं।

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  32. Marvelous Lines -

    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |

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  33. तू जहाँ पर थी वहीँ , पदचिन्ह तेरे ढूंढता हूँ |
    तू गयी पर मैं तेरी,यादों से तुझको पूंछता हूँ |
    सुन्दर पंक्तियाँ ! लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.com/

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  34. मेरे नए पोस्ट "वजूद' में आपका स्वागत है ...

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  35. जिंदगी जब उदास होती है |
    तू मेरे आस-पास होती है |
    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है |
    ...bahut khoob!
    sundar prastuti..

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  36. बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है....theek to kahe.....

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  37. बहुत खूब कहा है आपने..

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  38. हमेशा की तरह एक और प्यारी रचना....

    आभार आपका !

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  39. .

    बुझ गई गर तो प्यास ही कैसी ,
    प्यास तो सिर्फ प्यास होती है...

    waah !...Great lines...Loving it !


    .

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  40. प्रेमपूर्ण सुन्दर भावाभिव्यक्ति....

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  41. जब भी ये दिल उदास होता हैं ,,जाने कौन आसपास होता हैं ..बहुत खूब !

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